Motivational story in hindi

हम खुँश कैसे रहे | हमारी खुँशी का राज क्या है | Motivational story in hindi

खुँशी का राज
जी हाँ दोस्तों
खुँशी का राज अगर आपको पता चल जाऐ तो
तो कितना मजा आऐगा
है ना
ये राज आप जान सकते हो,
जी हाँ
आप ये राज जान सकते है
सिर्फ और सिर्फ एक कहानी सुनकर
और वही कहानी मैं आपके लिए लेकर आया हूँ
बस आपको
इस कहानी को घ्यान से पढ़ना है
और इस कहानी से
जो एक छोटी सी सिख मिलेगी
उसे अपने जीवन में ग्रहण करना है

( आप पढ़ रहे है Motivational story in hindi )

एक बार की बात है। एक गांव में एक महान साधू रहता था।
उस गांव के लोग उस साधू का बहुत ही सम्मान करते थे।
गांव के लोग जब भी कोई समस्या में होते
तो वो साधू उस समस्या का हल जरूर बताते।
सभी गांव वाले उस साधू से बहुत प्रसन्न थे।
हर बार कोई ना कोई नई समस्या लेकर उस साधू के पास आते
और वो महान साधू उस समस्या का हल बताते।

एक बार एक व्यक्ति उस साधू के पास
एक सवाल लेकर आया
और साधू से पूछा
कि गुरू जी मैं एक प्रसन पूछना चाहता हूं।
तो साधू ने कहा पूछो
तो वह व्यक्ति कहता है
कि गुरू जी मुझे बताइए
कि मैं खुश कैसे रह सकता हूं
मेरी ख़ुशी का राज क्या है”
तब साधू ने कहा
कि इसका जवाब पाने के लिए
तुम्हे मेरे साथ जंगल में चलना होगा।

वह व्यक्ति ख़ुशी का राज जानने के लिए
उस साधू के साथ जंगल में जाने के लिए निकलता है
और दोनों जंगल में जाते हैं।
तभी रास्ते में एक पत्थर मिलता है
साधू उस व्यक्ति को कहते है
कि इस पत्थर को अपने साथ ले लो

वह व्यक्ति साधू के आदेश को मानते हुए
उस पत्थर को अपने हाथ में उठा लेता है।

कुछ समय बाद उस व्यक्ति को पत्थर के वजन से हल्का दर्द होने लग जाता है।
वह व्यक्ति इस दर्द को सहन कर लेता और चलता रहता है। काफी समय तक वह व्यक्ति उस दर्द को सहन करते रहता है।
लेकिन जब उसे दर्द ज्यादा होने लगता है
तब वो साधू से कहता है
कि मुझे दर्द हो रहा है और मैं थक चुका हूं।

तब साधू कहते हैं कि इसे नीचे रख दो।
वह व्यक्ति पत्थर को नीचे रख देता है
और उसे राहत मिलती है।
फिर साधू कहते हैं
कि यही तुम्हारी ख़ुशी का राज है।
वह व्यक्ति कहता है
कि गुरूजी मैं कुछ समझा नहीं।

फिर साधू वापस उस व्यक्ति को जवाब देते हैं
कि जिस तरह तुमने इस पत्थर को दस मिनिट के लिए उठाकर चला तो तुम्हे थोड़ा दर्द हुआ।
बीस मिनिट के बाद उससे ज्यादा
और अधिक समय तक उठाकर रखा तो ज्यादा दर्द होने लगा।

ठीक उसी प्रकार जितनी देर तक
हम अपने उपर दुखों का बोझ लिए फिरेंगे
हमें ख़ुशी नहीं मिलेगी।
निराशा ही मिलती रहेगी।
हमारी ख़ुशी का राज
सिर्फ इस पर निर्भर करता है
कि हम कितनी देर तक दुखों का बोझ
अपने ऊपर रखते हैं।

यदि तुम्हे अपने जीवन में खुश रहना है
तो कभी अपने ऊपर दुःख को हावी मत होने देना।
दुःख इस भारी पत्थर की तरह है
जिसे हम जितना ढोऐंगे
उतना ही हमें दर्द और कष्ट मिलता रहेगा।

तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको ये कहानी अच्छी लगी होगी और आपको समझ में भी आ गई होगी
तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरुर किजिएगा धन्यवाद,

Leave a Reply

Your email address will not be published.