साबुदाना कैसे बनता है | Sabudana Making process in hindi
दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं साबूदाना के बारे में, कि साबूदाना को फैक्ट्री में किस चीज से और कैसे बनाया जाता है
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि साबूदाना किसी भी अनाज से तो नहीं बनता है साबूदाना भारत में टैपीआको स्टार्च से बनाया जाता है. टैपीआको स्टार्च को बनाने के लिए कसावा नामक कंद का इस्तेमाल किया जाता है जो बहुत हद तक शकरकंद जैसा होता है. भारत में कसावा की सबसे ज्यादा खेती
तमिलनाडु के सेलम जिले में होती है. तमिलनाडु के सेलम में सबसे ज्यादा टैपीआको स्टार्च के प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाए गए हैं.
कसावा पौधे का शुरुआत दक्षिण अमेरिका में हूआ था. जबकि भारत में 1943-44 में सबसे पहले साबुदाना का उत्पादन शुरू हुआ था साबूदाना बनाने के लिए टैपीआको के पेड़ से इसके जड़ को निकाल लिया जाता है और जितना हो सकता है उतना अच्छी तरह से इसमें लगे मिट्टी को साफ कर दिया जाता है
फिर इसे टैपीआको स्टार्च के प्रोसेसिंग प्लांट में भेज दिया जाता है और वहाँ पानी से अच्छी तरह से जड़ों को धोया जाता है और आज के समय में ये सारे के सारे प्रोसेस मशीनों के द्वारा ही किया जाता है, धोने के बाद मशीनों के द्वारा ही इसके ऊपर वाले छिलके को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है उसके बाद एक बार फिर से
साफ पानी से मशीनों के द्वारा ही उसे धोया जाता है, जिससे गंदगी की कोई गुंजाइश ना रहे, उसके बाद उसे पीसने वाली मशीन में डालकर पानी के साथ साथ पीसा जाता है और पेस्ट बना दिया जाता है उसके बाद इसमें से अलग अलग छलनी के द्वारा स्टार्च और फाइबर को अलग अलग किया जाता है उसके बाद बचे हुए गुद्दे को सूरज की रोशनी में तब तक सुखाए जाता है जब तक इसके अंदर नमी सिर्फ 11 से 12 परसेंट ना बच जाए और उसके बाद ये सुखकर चट्टान जैसे हो जाता है फिर इसे तोड़कर मशीन में डालकर दर्दरा आटे की तरह पीसा जाता है उसके बाद इसे साबूदाना के सेप देने वाले मशीन में डाल कर सेप दे दिया जाता है और फिर इसे पैकिंग मशीन में डालकर साबूदाना के छोटे-बड़े पैकेट बना दिए जाते हैं और उसके बाद ये मार्केट में जाने के लिए तैयार हो जाता है, दोस्तों
आपकी जानकारी के लिए बता दू कि साबूदाना जल्दी पचने वाला होने के अलावा हल्का और पौष्टिक भी होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है, और कैल्शियम और विटामिन-सी की कुछ मात्रा भी मौजूद होती है. और इसी कारण से व्रत में इससे बनी चीजें खाने का चलन बढ़ता जा रह है. जहां पहले सबूदाना से सिर्फ खीर और खिचड़ी बनती थी, वहीं अब पापड़, नमकीन, भेल, और दूसरी कई तरह की चीजें भी बनने लगी हैं. जिन्हें व्रतधारी लोग व्रत में खूब पसंद करते हैं.
तो दोस्तों जानकारी कैसी लगी अच्छी लगी तो लाइक करें और अच्छी नहीं लगी तो अन लाइक करें अपना राय नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर दें,