तेल पानी के उपर क्यों तैरता है

तेल पानी पर क्‍यों तैरता है

दोस्तों हम अक्सर देखते है कि जब कभी हम पानी के उपर तेल की बूँदें डालते है, तो तेल पानी के उपर तैरने लगता है, और हमारे मन में एक सवाल छोड़ देता है कि आखिर ऐसा कैसे होता है, अगर आपका मन भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा है तो आज इस सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में मिलने वाला हैं।


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तो आइये जानते हैं आखिर तेल पानी पर क्‍यों तैरता है।
पहले तो आप ये जान लिजिए कि जब भी कोई बस्‍तु पानी के ऊपर तैरती है, तो इसका मतलव ये है कि उस चीज का धनत्‍व पानी के धनत्‍व से कम होता है, दरअसल तेल के अणुओं की सघनता पानी की अणुओं की सघनता से कम होती है। दूसरी वजह है कि ये तेल और पानी आपस में अघुलनशील है, मतलब ये कभी भी आपस में घुल, मिल नहीं सकते हैं ये दोनो आपस में घुलते नहीं है, अगर हम इन्हें काफी जोर से हिलाएं या मिलाने की कोशिश करे तो भी थोड़ी देर बाद पानी और तेल अलग हो जाते है, इसलिए वह पानी के ऊपर तैरता है,
वहीं अगर दूसरी तरह से देखें तो पानी के अणु धुर्वीय होते है, पानी के अणु के एक सिरे पर धनात्मक आवेश होता है, और एक सिरे पर ऋणात्मक आवेश होता है, इसी वजह से पानी के अणु एक दूसरे से चिपक जाते है जबकि तेल(डीजल, पेट्रोल, कैरोसिन आदि) के अणु गैर-धुर्वीय होते है इसीलिए तेल और पानी के अणु एक दूसरे के प्रति आकर्षित नही होते तो अब आप समझ गये होंगे कि तेल पानी के ऊपर क्‍यों तैरता है,

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