दोस्तों क्या आपको पता है कि दवा की टेबलेट पर एक लाइन क्यों होती है, या फिर क्या आप ये जानते हो कि
दवा की पत्तों म़े दो टेबलेट के बीच में इतना दूरी क्यों होता है, अगर आप ये नहीं जानते हैं तो डोंट वरी आज की इस पोस्ट में आप इन दोनों सवालों के जवाब जानने वाले है
तो आइए पहले जानते हैं कि
टेबलेट के ऊपर ये लाइन क्यों होती है,
दोस्तों ये लाइन हमें केवल हाई पावर के टेबलेट में ही देखने को मिलती हैं अगर हमें कम पावर के टेबलेट की जरूरत हैं जैसे किसी बच्चे को देना है तो हम उसे बड़ी असानी से दो हिस्सों में बाट सके, जैसे अगर आपने जो टेबलेट ली हैं वो 400 mg की हैं और डॉक्टर ने आपको 200 mg लेने के लिए कहां हैं तो आप उसे आधा कर के ही खाएंगे, लेकिन जिन टेबलेट के उपर में लाइन न हो तो बिना डॉक्टर की सलाह से उसे आधा करके नहीं खाना चाहिए| आज का हमारा दूसरा प्रश्न है कि
आखिर दवाई की पत्तो में दो टेबलेट के बीच में गैप क्यों होता है
तो दोस्तों इसके पीछे दो प्रमुख कारण है। सबसे पहले तो ये है कि दवाई की पत्तों के पीछे दवाई की पूरी डिटेल्स डालनी होती है जिसमें थोड़ी ज्यादा जगह खर्च होती है। इसलिए पैकेट में दो टेबलेट के बीच आपको दूरी दिखाई देती है।
दूसरी बात ये है कि दवाइयों के पत्तो को जिस मसीन में बनाया जाता है वो एक गोल सिलिंडर पर चिपका कर बनाये जाते हैं। जिसकी बजह से बीच में गैप आ जाता है। यानी ये दवाइ की पत्ता बनाने की तकनीक की वजह से भी दूरीया बन जाती है,