दिवाली क्यों मनाई जाती है।
हमारे देश भारत में दीवाली सबसे बड़े र्पव के रुप में मनाया जाता है। दीवाली इसलिए बड़ा र्पव हो जाता हैं, क्यों कि इस र्पव को अमीर गरीब, उँच नीच, बड़े छोटे सभी जाती के लोग एक साथ पूरे भारत तथा कई दूसरे देशों में भी धूमधाम से मनाते है।
यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। भारतवर्ष में दीवाली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। लेकिन कई लोगो के मन में ये सवाल आता हैं कि आखिर दीवाली क्यों मनाई जाती है,
तो आइए आज के इस पोस्ट में जानते हैं, उन 5 मान्यताओं के बारे में, जिससे दिवाली मनाने का शुभआरंभ हुआ था,
No 1. भगवान श्री राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने पर,
अधिकतर लोगों के मानने के अनुसार दीवाली इस लिए मनाया जाता हैं, क्यों कि उसी दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्ष वनवास पूरा करने के बाद, अयोध्या लौटे थे, इसीलिए अयोध्या वासियों ने श्री राम को वापस लौटने की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया था, और खुशियां मनाए थे। उसी दिन से दिवाली की पर्व को मनाना आरंभ कर दिया था,
No 2. पांडवों के वापस राज्य लौटने पर
हिन्दू महाग्रंथ महाभारत के अनुसार कौरवों ने शतरंज के खेल में पांडवों को हराकर सब कुछ जीत लिया था। इसके साथ ही पांडवों को राज्य छोड़कर 12 वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञात वास पर जाना पड़ा। इसी कार्तिक अमवस्या को पांडव 13 वर्ष के वनवास पूरा करके वापस लौटे थे। पांडवों के वापस लौटने की खुशी में राज्य के लोगों ने दिये जलाकर खुशियां मनाई थी। और तभी से दिवाली मनाने का आरंभ हुआ था
N0 3. भगवान श्री कृष्ण के द्वारा नरकासुर राक्षस का वध करने पर
एक मानयता ये भी है कि नरकासुर ने अपनी शक्ति से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु आदि सभी देवताओं को परेशान कर दिया था। नरकासुर ने संतों तथा ऋषि-मुनियों को भी परेशान कर रखा था, जिसे भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध कर देवताओं और संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। इसी खुशी में लोगों ने दूसरे दिन अर्थात कार्तिक मास की अमावस्या को अपने घरों में दिपक जलाए। तभी से नरक चतुर्दशी तथा दीवाली का त्योहार मनाया जाता है।
No 4. माता लक्ष्मी का सृष्टि में अवतार
दीवाली मनाने का एक मुख्य कारण ये भी है कि
समुंद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी जी ने अवतार लिया था। लक्ष्मी जी को धन और समृद्धी की देवी माना जाता है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा होती है।
No 5. राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक
प्राचीन भारत में राजा विक्रमादित्य एक महान, आदर्श और उदार राजा थे। उनके साहस और विद्वानों के संरक्षण के कारण उन्हें हमेशा याद किया जाता है। मुगलों को धूल चटाने वाले विक्रमादित्य अंतिम हिंदू राजा थे। इसी कार्तिक मास की अमावस्या को उनका राज्यभिषेक हुआ था। जिस खुशी में पूरे राज्य के लोगों ने दीपक जला कर खुशियां मनाई थी,
तो दोस्तों ये थे वो हिंदू धर्म के पांच प्रमुख कारण जिससे पूरे भारत में दिवाली पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, तो दोस्तों आप किस मान्यताओं को मानकर दिवाली का पर्व मनाते हैं नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखना,